Thursday, November 22, 2012

आखिर क्यूँ देखू मैं 'ओह माए गॉड' ?

आज 927 दिन के बाद एक बार फिर आपसे बात करके बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। पता नहीं क्यूँ मगर मैं इतने दिन तक कुछ लिख ही नहीं पाया। जब-जब कुछ लिखने का सोचा कीबोर्ड तक आते-आते विचार गायब हो जाता था। इस बार मैंने बाबा से प्रार्थना की है की मुझे कुछ लिखने की इजाज़त दे दो। चलिए अब मुद्दे की बात करते हैं ...

जब से ओह माए गॉड फिल्म आई है मुझे हर तबके और हर तरह का काम करने वाले दोस्तों ने इसे देखने की सलाह दी थी। यहाँ तक की सुना है कुछ-कुछ संतो ने भी इस फिल्म की बहुत वाह-वाही की है। इतना सब सुनने के बाद आखिर मैंने ये फिल्म देख ली और ख़ास बात ये है की इस फिल्म ने मुझे मेरे बहुत पुराने सवाल का जवाब भी दे दिया की साईबाबा को हर धर्म, हर तबके, हर सम्प्रदाय के मानने वाले संत मानते हैं और साईबाबा की यथाधार्मानुसार पूजा भी करते हैं तो इसके पीछे आखिर क्या कारन है। इस फिल्म के अंत में एक बहुत मजेदार डायलोग है की "दीस आर नोट गॉड लोविंग पीपल, दीस आर गॉड फीयारिंग पीपल" अर्थात ये भगवान् से प्रेम करने वाले नहीं, भगवन से डरने वाले लोग हैं। सचमुच हम सब भगवान् से डरने वाले लोग हैं। हमारे पारंपरिक धर्म को मानने वाले हमें हमेशा ये बताते हैं की अगर हमने ऐसा नहीं किया तो हमारे साथ क्या बुरा हो सकता है। एक तरफ तो श्रीमद भगवद गीता कहती है की आत्मा को कोई जला सन्हीं सकता, कोई काट नहीं सकता, कोई गीला नहीं कर सकता और कोई सुखा नहीं सकता तो साथ ही नरक की अवधारणा भी है की अगर बुरा करोगे तो नरक में हमें कटा जायेगा तला जायेगा जलाया जाएगा आदि। बस यही बातें हमें या तो बेबस बना देती हैं या आतंकवादी।

इसी से अचानक विचार आया की शिर्डी के साईबाबा ने तो कभी-भी नहीं कहा की उनकी कोई बात नहीं मानोगे तो वो हमारा कुछ बुरा कर देंगे। वो तो हमेशा कहते हैं की मेरी द्वारकामाई से कोई खाली हाथ नहीं जाता बस उसको अपने ईष्ट पर श्रद्धा रखकर सब्र से काम लेना है। श्रीसाईं की शक्तिया असीमित हैं, अपने भक्त को देने के बाद वो उस भक्त को उस दान के काबिल भी बना देते हैं।

कोई बाबा से बच्चा मांग लेता है , कोई दौलत कोई शोहरत और बाबा सबको सबकुछ देते हैं बिना ये कहे की अगर ऐसा करोगे तो दूंगा और ऐसा करोगे तो ले लूँगा। उस्ताद हमसर हयात एक शेर कहते हैं "ऊपरवाला तो हमको देता है तो लेता भी है लेकिन / मेरे साईं जी जो देते हैं वो वापस नहीं लेते". बाबा के इसी विशेष गुण के कारण साईं भक्त बाबा से प्यार करते हैं बाबा से डरते नहीं हैं। इसलिए हम बड़े फख्र और दावे से कह सकते हैं की "साईं देवोटीज़ आर साईं लोविंग पीपल नोट साईं फीअरिंग पीपल" अर्थात साईं भक्त साईं को प्रेम करनेवाले लोग हैं साईं से डरने वाले लोग नहीं हैं।

फिर जल्दी मिलेंगे ऐसी बाबा से प्रार्थना है।  -जय साईराम

2 comments:

  1. म श्री एडम्स केविन, Aiico बीमा ऋण ऋण कम्पनी को एक प्रतिनिधि हुँ तपाईं व्यापार को लागि व्यक्तिगत ऋण चाहिन्छ? तुरुन्तै आफ्नो ऋण स्थानान्तरण दस्तावेज संग अगाडी बढन adams.credi@gmail.com: हामी तपाईं रुचि हो भने यो इमेल मा हामीलाई सम्पर्क, 3% ब्याज दर मा ऋण दिन

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