श्रीसाईं सच्चरित्र में बाबा ने कई स्थानों पर सत्यापित किया है की सभी संत आपस में भाई का रिश्ता रखते हैं। संत रामकृष्ण परमहंस के देहावसान के दिन तो बाबा ने बहत्तर घंटे के लिए अपने प्राण ब्रहम्मांड में चढ़ा लिए थे। आपको भी आश्चर्य हो रहा होगा की आख़िर आज मैं संतो के इस रिश्ते की बात कर क्यूँ रहा हूँ?
मित्रो जैसा की आपको मालूम है की कल 'वेलेंटाइनस डे' है। संत वैलेंटाइन का कोई भी अकाट्य प्रमाण न तो रोम के पास है, जहाँ के वो समझे जाते हैं और ना ही कहीं और इस बात का सबूत है की संत वैलेंटाइन नामक संत कभी हुआ है। मगर विश्व में ऐसे कई त्यौहार और पर्व हैं जिन्हें मानव की भलाई और विभिन्न समाजो में फैले झगडो को दूर करने वाले महान लोगो से जोड़ा गया है। संत वैलेंटाइन को भी नफरत और परस्पर वैमनस्य को दूर करके प्रेम का भाव पैदा करने वाले एक संत के रूप में जाना गया है।
'वैलेंटाइनस डे' जाना जाता है प्यार के लिए। जिस तरह 'होली' का त्यौहार प्रेम और एकता को बढ़ावा देने वाला पर्व है उसी प्रकार 'वैलेंटाइनस डे' भी प्यार और मुहब्बत को याद करने का पर्व है। 'वैलेंटाइनस डे' किसी भी तरह से 'वासना' से जुडा हुआ त्यौहार नहीं है. संत वैलेंटाइन ने कभी भी अपनी पत्नी या किसी महिला मित्र को लाल गुलाब का फूल देकर प्यार का इज़हार किया हो ऐसा कहीं नहीं आता. 'संत वैलेंटाइन' के जो भी किस्से और कहानिया प्रचलित हैं उसके अनुसार संत वैलेंटाइन ने समूची मानव जाती के लिए प्रेम का इज़हार किया था. आज भी जो लोग जानते हैं वो मानते हैं की 'वैलेंटाइनस डे' अपने सभी झगडे और नफरते भूल कर प्रेम और विश्वास बढ़ाने वाला त्यौहार है. मेरा विचार है की जब दो संस्कृतिया मिलती हैं तब एक संस्कृति समाप्त नहीं होती बल्कि उनके मेल से उन दोनों ही संस्कृतियों के संबंधो में प्रगाढ़ता आती है. वास्तव में मानव ने अपने जैसे लोगो को साथ जोड़कर एक संस्कृति का निर्माण किया ही इसलिए था की वो और ज़्यादा समृद्ध हो सकें.
मेरे विचार से 'वैलेंटाइनस डे' को भी आपसी प्रेम और विश्वास को बढ़ाने वाला पर्व मानते हुए, उन सभी लोगो को जो आपसे द्वेष और नफरत रखते हैं, गुलाब का फूल देकर 'हैप्पी वैलेंटाइनस डे' कहना चाहिए. वैसे भी आजकल हमारे पास इतना वक्त ही नहीं है की हम अपने मित्रो और साथियो से प्यार का इज़हार कर सकें इसलिए हमें भी 'वैलेंटाइनस डे' जैसे पर्व की नितांत आवश्यकता है. जहाँ तक श्रीसाईं का विचार करें तो बाबा ने भी हमें प्यार और आपसी भाईचारे का संदेश दिया है. बाबा का हमारे लिए प्यार भी संत वैलेंटाइन के जैसा ही है जो वक्त के साथ-साथ बढ़ता ही जा रहा है. बाबा को अपने मन में स्थान देते हुए वैलेंटाइनस डे के पर्व पर मैं श्रीसाईंनाथ महाराज को अपनी तरफ़ से 'हैप्पी वैलेंटाइनस डे' कहता हूँ आप अपनी तरफ़ से ख़ुद कहिये. -जे साईंराम
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